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बीमारी के इलाज में केमिस्ट की भूमिका - Health Information - Storykunj In Hindi

 रोहन एक मल्टीनेशनल कंपनी नोएडा में काम करते हैं। घर से ऑफिस पहुंचने में उन्हें 2 घंटे का समय लगता है। मौसम का मिजाज बदलने के साथ ही उसकी तबीयत कई दिनों से ठीक नहीं चल रही थी। रोहन को लगता था शायद काम की थकान है।

 आज जब वह सुबह सो के उठा तो उसे कमजोरी, सिर दर्द और हल्का बुखार भी था तो कुछ खाने का मन नहीं हुआ। इसीलिए आज की छुट्टी लेकर रोहन डॉक्टर के पास गया।

डॉक्टर ने पर्ची पर दवाई लिख कर दी। और टाइफाइड की जांच कराने के लिए कहा। जांच की रिपोर्ट आने तक डॉक्टर की लिखी हुई दवाई खानी थी।

 वह दवा लेने के लिए पर्चा लेकर एक केमिस्ट की दुकान पर गया। केमिस्ट से बात कर ही रहा था कि वहां पर एक महिला आई। उसने  केमिस्ट को बताया कि उनकी बेटी (जो कि 5 वर्ष की है ) को सर्दी बुखार है और उल्टी हो रही है, कोई मेडिसिन दे दो।

 
 केमिस्ट भी उस महिला की परेशानी सुनकर 1 मिनट में ही एमबीबीएस डिग्री धारी डॉक्टर बन गया और फटाफट अपने एक कर्मचारी को चार-पांच दवाइयों के नाम बता कर निकालने के लिए कह दिया।

 यह सब सुनकर पास खड़े रोहन से रहा नहीं गया। रोहन ने उस महिला से कहा कि मैडम अगर आपको बुरा ना लगे तो मैं एक बात पूछूं। उन्होंने कहा, पूछिए। तो रोहन ने कहा कि आप इस केमिस्ट को डॉक्टर क्यों समझ रही हैं? यह तो सिर्फ दुकानदार है।

आपकी बच्ची की उम्र, उसका वजन, उसे किसी दवा से एलर्जी तो नहीं है, क्या आपने पहले कोई दवाई दी है? डॉक्टर इन सभी बातों के बारे में जानने के बाद ही दवा लिखता है।

क्या आप करोना को भूल गए ? क्या उसे सारी वैक्सीन लग चुकी है?  ऐसी सभी बातों को जाने बिना ही  कोई केमिस्ट आपकी बच्ची के लिए दवाई दे रहा है। दवा कितनी मात्रा में दी जाएगी ? यह बात केमिस्ट नहीं बता सकता। आपको जो दवाई केमिस्ट द्वारा बताई गई है। इसमें एंटीबायोटिक भी शामिल है। जिसके साथ डॉक्टर कई बार प्रोबायोटिक भी लिखते हैं। क्या यह खतरे वाली बात नहीं है?

 मैडम आप बुखार को हल्के में ना लें।  आपको पहले डॉक्टर से बच्चे को दिखाना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई दवाई लेनी चाहिए।

 रोहन की समझाई गई सारी बात उन मैडम को पसंद आई। और वह बोली कि आप कह तो ठीक रहे हैं। मुझे इस तरह से दवाई लेकर अपने बच्चे को नहीं खिलानी चाहिए। उन्होंने केमिस्ट से उनका कीमती समय खराब हुआ इसके लिए क्षमा मांगी और डॉक्टर को दिखाने के बाद ही दवाई लेने आऊंगी कहकर वहां से निकल गई।

 तब तक रोहन भी अपनी दवा लेकर जा चुका था।

 सीख :-  हमें दवा लेने के मामले में सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि सामान्य सर्दी- खांसी, पेट दर्द , सिर दर्द जैसे मामलों में लोग डॉक्टर की सलाह लिए बिना अपने मन से दवा ले लेते हैं। किसी को बीमारी बताओ वह अपने अनुभव के आधार पर दवा बताने लगता है। लेकिन हमें ऐसे दवा नहीं लेनी चाहिए। कभी-कभी छोटी सी लापरवाही भी बड़ी भारी पड़ जाती है इसलिए हमें डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लेनी चाहिए।

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