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बदकिस्मत कौन ? - Moral Story In Hindi - Storykunj


एक बार की बात है यात्रियों से भरी हुई एक बस
कहीं जा रही थी।
अचानक मौसम बहुत खराब हो गया।  धुलभरी आंधी चलने लगी और फिर कुछ ही देर के बाद 
बारिश की बूंदे गिरने लगी। तेज होती बारिश तूफान मे बदल चुकी थी। काली घटाएं घिर आई थी। घनघोर अंधेरा छा गया। भयंकर बिजली भी चमकने लगी थी। 

 बिजली कडककर बस की तरफ आती और वापस चली जाती। ऐसा कई बार हुआ।  बस में बैठे हुए सभी यात्रियों की सांसे ऊपर की ऊपर
और नीचे की नीचे। सभी बेहद डरे हुए थे।  किसी को कुछ नहीं सूझ रहा था। 

 आखिरकार बस के ड्राईवर ने एक बडे से पेड से
करीब पचास कदम की दूरी पर बस रोक दी और
यात्रियों से कहा कि इस बस मे कोई ऐसा यात्री बैठा है जिसकी मौत आज निश्चित है। 

उसके साथ साथ कहीं हमे भी अपनी जिन्दगी से हाथ न धोना पडे। इसलिए सभी यात्री एक एक कर सामने खड़े उस पेड़ तक जाओ और उस
पेड के हाथ लगाकर आओ। जो कोई भी इस बस में बदकिस्मत होगा उस पर बिजली गिर जाएगी और बाकी सब बच जाएंगे।

सबसे पहले जिस व्यक्ति की बारी थी उसको दो तीन यात्रियों ने जबरदस्ती धक्का देकर बस से
नीचे उतारा। वह धीरे-धीरे, डरते-डरते उस पेड तक गया और पेड़ को छू कर भाग कर आकर बस मे बैठ चैन की सांस ली।

 इसी तरह एक-एक करके सभी यात्री जाते रहे और पेड़ को हाथ लगा कर भागकर वापस आकर बस में बैठते रहे। 

अंत मे केवल एक आदमी बच गया।  उसने
सोचा तेरी मौत तो आज निश्चित है।  बस में बैठे हुए सभी यात्री उसे ऐसे देख रहे थे जैसे वह कोई अपराधी है,  जो आज उन्हे अपने साथ ले मरता। 

उसे भी पकड़ कर जबरदस्ती बस से नीचे उतारा गया।  वह भारी मन से पेड के पास पहुँचा और जैसे ही उसने पेड के हाथ लगाया।  तेज आवाज से बिजली कडकी और बिजली बस पर गिर गयी। 

 देखते ही देखते बस धूं- धूं कर जल उठी। बस के सभी यात्री मारे गये। 
सिर्फ उस एक को छोडकर।  जिसे सब अपराधी की नजर से देख रहे थे और बदकिस्मत मान रहे थे। वो नही जानते थे कि उसकी वजह से ही सबकी जान बची हुई थी।

 सोचने वाली बात यह है कि यहां बदकिस्मत तो बस के वे सभी यात्री थे। जो अभी तक खुद को खुशकिस्मत मान रहे थे। 


" हम सब अपनी सफलता का श्रेय खुद
लेना चाहते है।  जबकि हम तो निमित्त मात्र हैं। जीवन में भी सफलता हासिल करने के लिए वैसी परिस्थितियां बनती हैं।  सोचने की जरूरत होती है कि क्या हम ही उसके जिम्मेदार हैं या फिर दूसरों के सहयोग से ऐसा हो पाया। हो सकता है  हमारे साथ रहने वाले की वजह से हमे यह हासिल हो पाया हो।"

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