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गोवा की सैर - Short Story In Hindi - Storykunj



  गोवा एक ऐसा शहर है, जहां हर कोई घूमने की ख्वाहिश रखता है। भारत आने वाला लगभग हर विदेशी गोवा ज़रूर जाता है और भारतीय तो छुट्टी मिलते ही गोवा जाने के सपने देखने लगते हैं।
 
बीच के किनारे आरामदेह छुट्टियाँ मनाने की आज़ादी की वजह से गोवा हम सभी के दिलों में बसता है।
 
 दिल्ली में रहने वाले कार्तिक के दिमाग में गोवा कॉलेज के दिनों से ही था।  मगर तब वहां जाने के लिए पैसे नहीं थे। कॉलेज का लास्ट ईयर था। प्लेसमेंट के लिए कॉलेज में कंपनियां आने लगी थी। कार्तिक ने सी एस से बीटेक की पढ़ाई की है
।  एक नामी कंपनी टी सी एस में कार्तिक की अच्छे पैकेज पर प्लेसमेंट हो गई थी। नौकरी लगते ही पहला टूर गोवा का ही किया। और फिर लगभग हर साल ही गोवा की एक परिक्रमा हो ही जाती थी। 

बहरहाल पिछले साल जब लॉकडाउन खुला तो सारी घर गृहस्थी के सामान के साथ कार्तिक सपरिवार गोवा पहुंच गए। क्योंकि work-from-home ज्यादा दिन चलने वाला था।  इसलिए इस बार कार्तिक का इरादा थोड़ा ज्यादा दिन रहने का था। कार्तिक ने वहां एक मकान किराए पर ले लिया।  और एक कोने में work-from-home का ऑफिस भी बना लिया। 

अब शुरू हुई कार्तिक की रोजमर्रा की जिंदगी । कार्तिक को रोज सुबह जल्दी उठकर मॉर्निंग वॉक पे जाने की आदत है। यहां गोवा में सुबह होते-होते 6:30 -7:00 तो बज ही जाते हैं। उससे पहले हल्का-हल्का अंधेरा होता है।  कार्तिक रोज सुबह घूमने निकलते और गोवा की खूबसूरत सुबह के अनगिनत रंगों को मन में भर कर ताजगी के साथ वापिस आते। फिर नहा धोकर तैयार होकर अपने ऑफिस के काम में व्यस्त हो जाते। 

कार्तिक को साइकिलिंग का शौक है।  इसलिए उसने गोवा में भी एक साइकिल खरीद ली।  और अब रोज सुबह 6:00 बजे साइकिल से घूमने निकलता। इस दौरान कई किलोमीटर की साइकिल राइड तो हो ही जाती थी।  

एक बार की बात है वह सुबह-सुबह साइकिल से दोनापाउला बीच की ओर जा रहा था।  जब वह सड़क पार करने लगा था तब पीछे से एक कार आई और उसके बराबर में आकर कार की स्पीड धीमी हो गई। उसने देखा कार में दो लोग सवार थे।  उन्होंने अपनी गाड़ी का शीशा नीचे सरकाया और बड़े अदब से कहा 'हेलो सर' गुड मॉर्निंग !


यह 'हेलो' एकदम अप्रत्याशित था। 

खासकर दिल्ली के तंग हाल समाज में रहने वाले किसी शख्स के लिए तो बिल्कुल नया था।  यहां कौन कार वाला किसी साइकिल सवार के लिए रुकता है।

 'हेलो सर' गुड मॉर्निंग ! करना तो बड़ी दूर की बात है।  उस दिन पूरे रास्ते भर कार्तिक के दिमाग में गुड मॉर्निंग ही चलता रहा। उसे ऐसा लग रहा था। जैसे वह कोई वीवीआईपी है। 

 घर लौट कर कार्तिक ने पत्नी को यह बात बताई तो वह भी उसकी तरह बहुत प्रसन्न हुई। शाम को ऑफिस के काम से छुट्टी होने के बाद कार्तिक पत्नी के साथ फिर से बीच पर घूमने निकले। वहां बीच का माहौल पूरी तरह से सुरमई था।




 कार्तिक ने अपना कैमरा निकाला और डूबते हुए सूरज को उसमें कैद करने लगा।  फोटो खींचते खींचते कार्तिक बीच के एक और काफी आगे तक निकल गया। वहां पर तीन विदेशी लड़कियां थी। उन्होंने सफेद साड़ी पहनी हुई थी। देखने में साध्वी जैसी प्रतीत होती थी। 

अपने आप में मगन कार्तिक अभी फोटो ले ही रहे थे कि उसमें से एक लड़की दौड़कर कार्तिक के पास आई और बोली.... 'आई लव यू!'
फिर उसने कार्तिक को एक स्टीकर दिया।  

कार्तिक ठहरा ठेठ उत्तर भारतीय। अभी पिछले हफ्ते ही वैलेंटाइन डे गुजरा था। दूर से बीवी भी देख रही थी। कार्तिक बहुत सकपका गया और मुंह से निकला..... 'थैंक यू'
 
वापस लौटकर पूरा माजरा बीवी को बताया तो वह हंसते हुए बोली कि कोई चिंता की बात नहीं, वह साध्वी है। 

कार्तिक के मुंह से निकला...... थैंक गॉड, अच्छा हुआ,  मैंने 'सेम टू यू नहीं बोला !'

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