बुद्धिमान स्त्री - Short Story In Hindi - Storykunj
राकेश गुप्ता एक मैदा मिल और एक शुगर मिल के मालिक हैं। उनका विवाह प्रतिभा नाम की लड़की से हुआ। प्रतिभा बहुत होशियार और बुद्धिमान है ।
राकेश हमेशा अपनी बीवी से तर्क-वितर्क और वाद-विवाद में हार जाता था।
एक बार की बात है बीवी ने कहा कि आजकल स्त्रिया मर्दो से किसी भी काम में पीछे नहीं है।
इस पर राकेश ने बीवी से कहा! ठीक है, मैँ दो वर्षो के लिये परदेश चला जाता हुँ।
तुम एक महल,बिजनेस मेँ मुनाफा और एक बच्चा पैदा करके दिखा दो ।
बीवी ने चैलेंज स्वीकार किया और राकेश परदेश चला गया...
बीवी ने सारे कर्मचारियों में ईमानदारी का बोध जगा के और उनमें मेहनत का गुण भर दिया। सभी कर्मचारियों की सैलरी भी बढ़ा दी।
सारे कर्मचारी खूब खुश हो गए और अब वे दिल लगा के और अधिक काम करने लगे।
बिजनेस में मुनाफा काफी बढ़ा...
बीवी ने महल बनवा दिये..
साथ ही बीवी ने दस गाय पाली। गायों की अच्छी देखभाल, उनके चारे और दूध निकालने के लिए नौकर रखे।
गाय का दूध काफी अच्छा हुआ..
दूध से दही जमा के बीबी वेश बदलकर परदेस में दही बेचने चली गई।
गुजरी के वेश में वह अपने पति के पास पहुंची। रोज पति को दही बेचती और अपने रूप के मोहपाश में फंसाती। कुछ दिन उसने अपने पति का सानिध्य और आलिंगन पाश भी पाया।
'दही वाली गुजरी' समझकर उसके पति ने अपनी सोने की अंगूठी उपहार में भेंट की। अँगुठी उपहार में लेकर वह घर लौट आई।
कुछ माह बाद बीवी एक बच्चे की माँ भी बन गई।
दो साल पूरे होने पर पति राकेश घर आया। महल और चमकता हुआ व्यापार देखकर दंग रह गया और बहुत प्रसन्न हुआ।
मगर जैसे ही बीवी की गोद में बच्चा देखा तो वह आग बबूला हो गया और क्रोध से चीख उठा.....
किसका है ये पाप ?
तब बीवी ने जब उस दही बेचने वाली गुजरी की याद दिलाई और उनकी दी हुई वह अँगुठी दिखाई तो पति राकेश काफी खुश हुआ।
बीबी बोली राकेश जी एक बात बताओ अगर वो दही बेचने वाली गुजरी मेरी जगह कोई और होती तो????????
इस ''तो'' का उत्तर तो पूरी पुरूष जाति के पास नहीं है।
नारी नर की सहचरी, उसके धर्म की रक्षक, उसकी गृहलक्ष्मी तथा उसे देवत्व तक पहुँचाने वाली साधिका है।
अगर स्त्री मन में ठान ले तो राख को लाख बना सकती हैं।
– डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन्
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