Ads Top

मेरी मुर्गी......... - Kids Story In Hindi - Storykunj


 राव साहब हमारे बहुत ही अच्छे पड़ोसी हैं।  एक दिन की बात है राव साहब के घर के सामने कुछ ही देर में भीड़ इकट्ठा हो गई थी । देखते ही देखते उनके आस-पड़ोस के सभी लोग जमा हो गए थे । 
पड़ोसियों को उनके घर के सामने खड़े देखकर चिंता वश में भी उनके घर के पास पहुंच गया। इनमें से ज्यादातर औरतें और बच्चे ही थे। और पूछने पर पता चला कि यह सभी लोग कोई मुर्गी के मरने का अफसोस जता रहे थे।

 राव साहब की लाडली बेटी अंशु लगातार रोए जा रही थी। उसकी दादी,  मम्मी और आस पड़ोस की आंटी उसे समझा रही थी,  और  दुलार प्यार कर रही थी । लेकिन अंशु का रोना चुप होने का नाम ही नहीं ले रहा था। सब कोई उसे अपने अपने ढंग से समझा रहे थे कि बेटा एक मुर्गी तो है इसके बदले तुझे हम दूसरी मुर्गी ले देंगे। तू इतना क्यों रो रही है,  मत रो ।  

वहीं अंशु को अपनी वह मुर्गी बहुत प्यारी थी। वह तो बस एक ही रट लगाए पड़ी थी कि मुझे इतनी प्यारी लगती थी यह सफेद मुर्गी। और यही वाली मुर्गी क्यों मर गई,  मुझे तो वही मुर्गी चाहिए।

 राव साहब के दो बच्चे हैं।  उन में अंशु बिटिया बड़ी थी। लगभग सात- आठ साल की और उससे तीन साल छोटा सौम्य है।

 दरअसल बहुत पुरानी बात है । तब यहां इतनी आबादी नहीं हुआ करती थी। शहरों के मकानों में काफी खुली जगह हुआ करती थी या आसपास काफी जगह हुआ करती थी । इसलिए मोहल्ले के ज्यादातर लोग अक्सर शौक - शौक में मुर्गी पाल लिया करते थे। 

राव साहब के यहां भी दो मुर्गियां थी । जो दोनों बच्चों ने खेल-खेल में एक - एक अपनी बना ली थी । दोनों बच्चे अपनी - अपनी मुर्गी का खूब ख्याल रखते थे । खासकर अंशु बड़ी होने से मुर्गियों का दाना- पानी, दड़बे का पूरा ध्यान रखती थी । बच्चों को अपनी- अपनी मुर्गी से बहुत प्यार था।

 मुर्गी के मरने का मातम काफी देर से चल रहा था। अंशु को समझाने, मनाने,  पुचकारने का दौर चल रहा था। अंशु अपनी मम्मी से लिपट कर रो रही थी। 




सौम्य बेचारा एक कोने में अकेला खड़ा यह सब देख रहा था। उसकी और किसी का भी ध्यान नहीं था। वह चुपचाप अपनी बहन का लाड - चाव होते देख रहा था। 

फिर पता नहीं एकदम से अचानक क्या हुआ, सौम्य के दिल में क्या आया कि वह दौड़ कर अपने मम्मी के पास पहुंचा और उनसे पूछने लगा....... 

" मम्मी- मम्मी मेरी मुर्गी कब मरेगी ?......... "

 नन्हे सौम्य का यह सवाल जैसे ही सबने सुना एक पल के लिए तो सन्नाटा छा गया,  फिर दूसरे ही पल जब सबको इन शब्दों में छुपा हुआ अर्थ समझ में आया, तो मातम से भरा माहौल हंसी में बदल गया ।

 मम्मी ने मुस्कुराकर सौम्य को भी अपने सीने से लगा लिया।

 अगर आपको हमारी यह  Story  अच्छी लगी हो तो अपने Friends  को भी Share  कीजिए और Comment  में बताइए कि कैसी लगी आपको यह Story

No comments:

Powered by Blogger.