उड़ गया पंछी रस्में तोड़ के - Real Story In Hindi -
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कितनी ही दुआएं हैं जो होठों पर आकर दम तोड़ देती हैं ।
मगर है, एक शौक ए तमन्ना जो मुझे, बस खींचे ही जा रही है ।
उनसे मिलने की तमन्ना । वल्लाह उनसे मिलने की सोच भी कितनी हसीन है।
शायद यह सब बातें एक प्रेम दीवानी के जेहन में इस कदर हावी थी कि उसे उसके अलावा और कुछ नजर ही नहीं आया ।
यह प्रेम की सच्ची कहानी उस समय की है जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ था। यह कहानी मथुरा की एक लड़की की है । लगभग कोई ढाई साल पहले गोरखपुर का एक लड़का सूरज रोजगार की तलाश में कृष्ण नगरी मथुरा आया था । और यहां मथुरा में वह पेंट पॉलिश का काम करता था । सूरज पेंट पॉलिश का काम करने के दौरान ही इस लड़की से मिला था । दोनों की मुलाकाते होने लगी । अब लड़की की जिंदगी में प्यार का सूरज उग चुका था ।
करीब चार महीने पहले सूरज अपने गांव वापस लौट गया ।
और इसी दौरान कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लग गया इसी वक्त लड़की को डर था कि कहीं लॉकडाउन में उसके प्रेम का सूरज अस्त ना हो जाए ।
दिल में अपने प्रेम से मिलने की आरजू लिए वह लड़की उन रस्मों में बंध कर ना रह सकी। जिसको पूरी दुनिया निभा रही थी । यानी लॉक डाउन की रस्में । घर से बाहर ना निकलने की रस्में । उसने अपने उस प्यार से मिलने की ठान ली थी, जो उस से करीब चार सौ किलोमीटर की दूरी पर गोरखपुर में था ।
लॉकडाउन के चलते बसे या अन्य सभी वाहन बंद थे। फिर वह मथुरा से गोरखपुर के लिए पैदल ही निकल पड़ी । दिन हो या रात, वह पैदल चलती रही । दिन के सन्नाटे, रात के अंधेरे, सफर इतना आसान न था उसकी मंजिल बहुत दूर थी । रास्ते में कहीं कोई मिल जाने वाले ट्रक वालों से लिफ्ट मांगती । उसने हिम्मत करके करीब चार सौ किलोमीटर का सफर अकेले तय कर लिया ।
इस प्रकार पांच दिन लगे उसे गोरखपुर पहुंचने में। 26 अप्रैल की रात थी। मोहद्दीपुर में एक पुलिस वाले की नजर उस लड़की पर पड़ी । उसकी कहानी सुनकर पुलिस ने लड़की को मातृछाया चैरिटेबल फाउंडेशन को सौंप दिया ।
अब पुलिस ने सूरज को कॉल करना शुरू किया। पहली बार तो उसने फोन उठा लिया।
लेकिन बाद में फिर रिसीव नहीं किया ।
और अब वह लड़का पुलिस की कॉल सुनकर घबरा गया। उसने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया । इस लड़की को चौदह दिनों के लिए क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया गया ।
इनकी लव स्टोरी को देखकर तो यही कहा जा सकता है कि.........
बात यह नहीं है कि हमें जिंदगी गुजारने के लिए कोई नहीं मिलता। मिल तो सबको जाता है । परंतु मसला सिर्फ यह है कि हमारा दिल जिस का तलबगार होता है। बस एक वह ही नहीं मिलता ।
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Kiski likhi kahani hai... Behad umda khoobsurat...kripya bataye...
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