सासू मां का क्वारंटाइन - Family Story In Hindi - Storykunj
ऐसे दिन पहले तो जीवन में कभी नहीं देखे थे । गर्मी के दिन बीते जा रहे थे । इस कोरोना वायरस के चलते चिंता इस बात की होती है कि कहीं पूरी सोसाइटी को बंद करने की नौबत ना आ जाए ।
आज सुबह जब सब्जी वाले से सब्जियां मंगाई तो उस से अनुरोध किया कि एक खरबूजा भी ले आए । मौसम निकल गया, ना खरबूजा खाए और ना ही तरबूज । बचपन में गांव के जिस स्कूल में पढ़ती थी, उसके पीछे के खेतों में खूब खरबूज- तरबूज होते थे । उन खेतों के मालिक की लड़की भी साथ ही पढ़ती थी एक दिन वह मुझे अपने साथ खेतों में ले गई । वहीं उसने दो बड़े-बड़े खरबूज बेल से तोड़े और ईट पर पटक कर उनके दो टुकड़े कर दिए । एक टुकड़ा उसने मुझे पकड़ाया । खरबूजा बिना काटे खाना मुश्किल तो लगा था । लेकिन फिर उसकी देखा - देखी मैं भी खाने लगी । इतना मीठा, खुशबू और रस से भरा । वह स्वाद कभी नहीं भूली ।
लंबे चले लॉकडाउन में घर से बाहर नहीं निकले तो एक हुक सी उठ रही है कहीं घूम कर आने की। बच्चे भी तो घर से बाहर जाने की जिद करने लगे हैं।
अभी अनलॉक वन शुरू हुआ तो सोचा मायके ही घूम आते हैं । बस फिर क्या था पति व बच्चों के साथ एक रात के लिए मायके मिलने चली गई, पास ही के गांव में तो है और फिर यहां घर पर सासू मां तो है ही, सो मुंह पर मास्क पहनकर, पूरी सेफ्टी के साथ निकल पड़े ।
लेकिन दुर्भाग्यवश उसी रात घर में चोर घुस गए।
पुलिस सासू मां से पूछने लगी - माता जी आप इतनी बुजुर्ग हैं इसके बाद भी आपने घर से चोरों को कैसे भगाया?
सासु मां ने हंसते हुए कहा - ऐसा हुआ कि मैं नीचे हॉल में सोई थी। चोर खिड़की से घर में घुसे। और उन्होंने मुझे लात मार कर उठाया ।
मैं उठी, लेकिन मैं हड़बड़ाई बिल्कुल नहीं ।
चोरों ने पूछा, जल्दी बता बुढ़िया माल कहां रखा है? तिजोरी किधर है? और घर के बाकी मेंबर कहां सोए हैं?
मैंने बिना घबराए तुरंत कहा, सभी पैसा, जेवर लेकर खेत में बने फार्म हाउस में रहने गए हैं बेटा
यहां मैं घर में अकेली हूं । और हां जाते समय v लोग साबुन से अच्छी तरह हाथ धो कर जाना। क्योंकि कोरोना होने के कारण मुझे यहां क्वारंटाइन किया गया है ।
बस फिर क्या था, कोरोना का नाम सुनते ही सारे चोर ऐसे भागे, ऐसे भागे.........
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